आपके ही बीच का-आपके ही जैसा हूँ मैं ।
बिल्कुल वही सपने और वही महत्वाकांक्षाए ।
एक समान अनुभूति और समान अभिलाषाएँ ।
बहुत दिनों से कुछ-कुछ लिखता रहता था लेकिन कभी समय नहीं निकाल पाया अपनी कच्ची रचनाओं को आपके समक्ष प्रस्तुत करने के लिए...
मेरी परीक्षाएँ चल रही हैं और इसके खत्म होने के बाद और भी ढेर सारी रचनाएँ पोस्ट करने की कोशिश करूंगा।
आपका,
अनुराग
:)
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